टैको: उपकरण, डिजाइन, प्रकार, ध्वनि, उपयोग का विवरण
ताल वाद्य यंत्रों की जापानी संस्कृति का प्रतिनिधित्व ताइको ड्रम द्वारा किया जाता है, जिसका जापानी में अर्थ है "विशाल ड्रम"। इतिहास के अनुसार, इन वाद्ययंत्रों को तीसरी और नौवीं शताब्दी के बीच चीन से जापान लाया गया था। ताइको को लोक और शास्त्रीय संगीत रचनाओं में सुना जा सकता है।
प्रकार
डिजाइन दो प्रकारों में बांटा गया है:
- Be-daiko (झिल्ली को कसकर दबाया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें समायोजित नहीं किया जा सकता है);
- शिम-डाइको (शिकंजा के साथ समायोजित किया जा सकता है)।
जापानी ड्रम बजाने के लिए लाठी को बच्ची कहा जाता है।
लग
ध्वनि, खेलने की तकनीक के आधार पर, एक मार्च, गड़गड़ाहट, या दीवार पर एक सुस्त दस्तक के बराबर हो सकती है।
यह एक कठिन वाद्य यंत्र है, जिसे लगभग पूरे शरीर के साथ बजाना होता है, जैसे नृत्य के दौरान।
का प्रयोग
प्राचीन काल में (लगभग 300 ईस्वी पूर्व), ताइको की ध्वनि एक कॉलिंग सिग्नल के रूप में कार्य करती थी। कृषि कार्य के दौरान ढोल की आवाज से कीट व चोर डर जाते थे। उन्होंने धर्म के संबंध में भी भूमिका निभाई और अनुष्ठानों के दौरान उपयोग किए गए: अंतिम संस्कार, छुट्टियां, प्रार्थना, बारिश के लिए याचिकाएं।